Bhoot ki kahani
कि चार रास्ते पर एक आदमी ने किसी को झाड़-फूंक कर उसकी आत्मा को आजाद किया था ।
मैंने मन ही मन में अपने रब का शुक्रिया किया जिस से मेरी उस भटकती आत्मा से कोई नुकसान नहीं हुआ , शायद ये मेरे अच्छे परिणामो का फल था ।
रमेश ने यह बात फिर से किसी को नहीं बताई, लेकिन अब उसे प्लैटफॉर्म पर ड्यूटी करने से डर लग रहा था। अगली रात रमेश एक ही जगह खड़ा रहा। उसने स्टेशन का कोई चक्कर नहीं लगाया। कुछ देर बाद रमेश के पास एक आदमी आकर खड़ा हो गया और ट्रेन के बारे में जानकारी लेने लगा। रमेश को लगा कि कुछ गड़बड़ है।
आगे एक पहाड़ था मैंने अपनी बाइक की रफ्तार तेज़ कर दी और तेजी से मैं अपने घर आया ।
सब लोग गांव में मकान भाड़े से लेकर रहते थे । और मैं स्कूल के पास ही एक अलग छोटा सा कमरा बना हुआ था। जिसमें मैं अकेला ही रहता था । स्कूल के चारों ओर खेत और झाड़ियां थी । स्कूल गांव से थोड़ी दूरी पर था । स्कूल में बिजली नहीं थी ।
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दमयंती....... एक किन्नर का बदला अर्चना भालेराव "प्राहेहल"
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"ये दुनिया बहुत खूबसूरत है , लेकिन तब तक जब तक की आपको मजे दे रही है वरना जब लेने पे आती है तो फिर इस से बुरी कुछ नही।" ये हर बुरा समय आने से पहले आपको महसूस कराती,जो समझा, खुद को बदल लिया और जिसने ...
इंदौर मध्य प्रदेश के सबसे अधिक आबादी वाला और सबसे बड़ा शहर है। साथ ही यह इंदौर जिला और इंदौर डिवीजन दोनों के मुख्यालय के […]
क्या पता इसको भी इन चीजों में दिलचस्पी हो दूसरे दिन हम लोगों ने ऐसा ही किया तो रात में वह अंदर खेलने नहीं आया। हम लोग ऐसा चार-पांच दिन में एक बार रख के आ जाते थे । एक बार गांव वालों ने देख लिया और पूछा तो हमने सारी बातें बता दी । तब से आज भी वहां पर गांव वाले बीड़ी माचिस ताश के पत्ते हफ्ते में एक बार जरूर चढ़ाते हैं। और आज भी वह आत्मा किसी को परेशान नहीं करती।
कहानी सुनतेही उनकी आंखों में इस पौराणिक गुफा के बारे में पता लगाने के इच्छा जाग उठी। उन्होंने कुछ स्नैक्स, पानी और एक टॉर्च पैक किया और गुफा ढूंढ़ने के लिए निकल पड़े। गांब वाले उन्हें यह कहते हुए चेतावनी दी कि यह गुफा भूतिया और खतरनाक है, लेकिन राम और सोनू कहां किसी की सुनने वाले थे।
नगर में पमिनाबहन के अनुभव की बात फैलने पर नगर के किसी अनुभवी व्यक्ति के द्वारा यह पता चला कि जिस मकान में पमिनाबहन का परिवार रहता है, उस जगह के पुराने मालिक के पास से, उसके सगे संबंधियों ने वह मकान हड़प लिया था। और मरते वक्त भी मकान मालिक का जी उसी मकान में था, इसी कारण वह इन्सान अपने मकान में किसी भी व्यक्ति की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं कर पाता था।
लेकिन ये हो कैसे सकता है बाइक की गति तेज थी इसलिए उतरने का तो कोई चांस ही पैदा नहीं होता। .